शनिवार, 27 जुलाई 2024

पाठ- 3 प्रेम और अहिंसा सत्य, अहिंसा और प्रेम का संगम था गांधीजी का जीवन

                                                        -:प्रेम और अहिंसा :-

                                                         अभ्याश  बोध

(क) सही विकल्प पर सही का चिन्ह लगाइए।

1. बंधुत्व में ......................... नही होता ।

(अ) व्यापार                    (ब) प्रेम 

(स) कटुता                                          (द) कोई नहीं

ऊ.-(अ) व्यापार

2. जो हमें शत्रु समझते हैं उनके साथ ...................किस तरह करें

(अ)प्रेम                                               (ब) घृणा 

(स) लड़ाई                                          (द) कोईनहीं

ऊ.-(अ) प्रेम

3.  .....................हमें प्राणी के सामान्य प्रिया है

(अ) भैंस                                             (ब) गाय 

(स) घोड़ा                                            (द) कोई नहीं

ऊ.- (ब) गाय 

4. कायर और बंधुत्व परस्पर ...................... है

(अ)विरोधी                                        (ब) सहयोगी 

(स) विपरीत                                         (द) कोई नहीं

ऊ.-(अ). विरोधी

() रिक्त स्थान भरिए रिक्त स्थान भरिए-

1.    मेरी राष्ट्रीयता में प्राणी मात्र का समावेश होता है ।

2.    यह आत्मबल प्राप्त करें और दूसरे राष्ट्रों को भी बलवान बनाइए ।

3.    अगर हम इस पर सफल हुए तो हथियार तो है ही ।

4.    तब हमें किसी दूसरे शास्त्रों की आवश्यकता नहीं होगी |

() निम्न पंक्तियों के अर्थ संदर्भ सहितलिखिए

1.    अगर हम अपने शत्रु के साथ भी प्रेम करने के लिए तैयार ना हो तो हमारा बंधु तो कुछ नहीं एक ढकोसला है।

अर्थ-  अगर हम अपने शत्रु या दुश्मन के साथ प्रेम नही कर सकते तो हमारे बंधुत्व का मतलब भाई-चारा ,प्रेमभाव का होने का कोई मतलव नही है, वो सब दिखावा है।

2.    आपके अंदर अगर प्रेम के साथ कष्ट सैनिक हिम्मत है तो आप पासवर्ड हृदय को भी पानी पानी कर देंगे

अर्थ- अगर हम प्रेम के साथ कष्ट  सहने की हिम्मत है तो कोई तुम्हे कितना ही तिरस्कार ,कष्ट दें आप सहनशीलता से मुकाबला करते रहेंगे तो विरोधी कीतना ही दुष्ट हो उसके ह्रदय भाव को भी शांत कर देंगे और  वो पानी पानी हो जाएगा मतलब वो जीतकर भी हार जाएगा ।

3.    कायरता और बंधुत्व परस्पर विरोधी है ।

अर्थ- ऐसा व्यक्ति जीसमें खतरे ,कठिनाई ,विरोध,दर्द आदि का सामना करने का साहस न हो ,आसानी से डर जाने वाला व्यक्ति कायर कहलाता है और बंधुत्व वाला व्यक्ति में खतरा ,कठिनाई,दर्द आदि का सामना साहस के साथ करने वाला होता है।वह आपस में प्रेम भाव से आसानी से जीत जाता है।कायरता व्यक्ति को डराती है और बंधुत्व व्यक्ति को जोड़ती है ,इसलिए वह परस्पर विरोधी है।

() निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर दीजिए।

1.    गांधी जी ने जीवन भर किस प्रकार का आचरण किया था ?

ऊ.- गाॅंधी जी अपने जीवन में सत्य,प्रेम और अहिंसा भाव का आचरण किया था।

2.    गांधी जी के अनुसार बंधुत्व का सही अर्थ क्या है ?

ऊ.-बंधुत्व का अर्थ यह नहीं है कि आपका भाई बने, जो आपके चाहे ,उन्ही के भाई आप बने ,यह तो सौदा हुआ बंधुत्व में व्यापार नहीं होता मेरा धर्म तो मुझे यह शिक्षा देता है कि बंधुत्व मनुष्य मात्र के साथ नहीं प्राणी मात्र के साथ भी होना चाहिए।

3.    गांधी जी का विवाद भारतीय में यूरोपीय लेखन से किस प्रकार किस बात पर है ?

ऊ.- यूरोप और भारत के कितने ही बड़े-बड़े लेखक कहते हैं कि मनुष्य जाति बैर रहित हो जाए ऐसा समय कभी नहीं सकता इसी बात पर मेरा विवाद है मैं उनसे यह कहता हूं कि जब तक मनुष्य बैर रहित नहीं होता तब तक वह मनुष्य ही नहीं बन सकता है।

4.    गांधी जी ने अहिंसा के विषय में अपनी व्याख्यान में क्या विचार रखे हैं ?

ऊ.- हिंदुस्तान में अहिंसा के विरोधी कहते हैं कि इससे कयरता फैलती है मैं आपसे कहने के लिए आया हूं कि अगर भारत अहिंसक नहीं बनेगा तो इसका सर्वनाश समझिए दूसरे कौमो का भी नाश समझिए भारत एक बड़ा भूखंड है अगर वह हिंसक हो गया तो दूसरों की तरह यह भी दुर्बलों पर जबरदस्ती करेगा अगर ऐसा हुआ तो जरा परिणाम की कल्पना कीजिए।

5.    गांधी जी के लिए राष्ट्रीय एकता का क्या अर्थ है ?

ऊ.- मेरी राष्ट्रीयता में प्राणी मात्र का समावेश होता है संसार की समस्त जातियां का समावेश होता है।

6.    विभिन्न धर्मो के लोगों की मस्तिष्क में एक दूसरे से प्रेम करने से पूर्व क्या प्रश्न उठते हैं ?

ऊ.- प्रश्न यह उठता है कि जो हमें अपना शत्रु समझते हैं उनके साथ प्रेम कैसे करें |

7.    मनुष्य के जीवन में सहिष्णुता वे बंधुत्व का क्या महत्व है ?

ऊ.- सहिष्णुता से तात्पर्य है कि दूसरों के मतभेदों को स्वीकार करना तथा व्यक्ति की मान्यताओं ,संस्कृति और विशिष्ट आदतों के प्रति सहानुभूति रखना और आपसी मतभेदो को दूर कर प्रेमभाव, भाईचारा को महत्व देना चाहिए।

व्याकरण बोध

(क) निम्नलिखित सूची में दिए गए तत्सम और तद्भव शब्दों को अलग-अलग कीजिए 

 सच , बैर , शिक्षा , चिट्ठी , द्वेश , पाषाण , आसरा ,बेकार

तत्सम              बैर      शिक्षा     चिट्ठी       पाषाण

तद्भव             सच       द्वेश    आसरा         बेकार                    

 (ख)निम्नलिखित शब्दों से उपसर्ग अथवा प्रत्यय अलग कीजिए 

                     प्रत्यय                             उपसर्ग                    सहिष्णुता              ता                                अ                          अहिंसा                आ                                अ                          कायरता                              ता                                                               का
निर्भरता                              ता                                                                नि
पुरस्कार               आर                               ति

(ग)निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए

घृणा                        प्रेम                             सहिष्णुता          असहिष्णुता

तिरस्कार         स्वीकार            उदार              अनुदार

धर्म                        अधर्म                             हिंसा                             अहिंसा

शत्रु                          मित्र                आश्रय             आनाश्रय

 (घ) पाठ के आधार पर इन अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए 

1. जो अहिंसा का पालन करें               अहिंसावादी          

2. जिसमें सहनशीलता हो                                  सहनशील

3. दूसरों को अपने भाई-सा समझना           बंधुत्व

4. जिसका हृदय पत्थर का हो               निर्दयी

5. दूसरा का प्रकार मानने वाला              परोपकारी

 (ड़) तुलना की दृष्टि से विशेषण की तीन अवस्थाएं होती है

1. मूलावस्था       2. उत्तरावस्था       3. उत्तमावस्था 

मात्रा गुण या दोष प्रकट करना मूलावस्था, दो के बीच की तुलनाएँं उत्तरावस्था व दो से अधिक के बीच की तुलना उत्तमावस्था कहलाती है

निम्नलिखित शब्दों को श्रेष्ठ सर्वश्रेष्ठतम अवस्थाएं लिखिए 

मूलावस्था           श्रेष्ठतर                    श्रेष्ठतम

महान                         महानतर                                           महानतम

उच्च                          उच्चतर                                              उच्चतम

न्यून                           न्युनतर                                                न्युनतम

लघु              लघुतर                       लघुतम

(नोट- प्रशन ऊत्तर मे  कोई त्रुटी हो तो कमेंन्ट लिख कर बताए ताकि सुधार किया जा सके)



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