रविवार, 14 जुलाई 2024

CLASS 7 TH CHAPTER -1 कोशिश करनेवालों की

                                            CLASS 7 TH CHAPTER -1

लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती।



1.) लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती………………………………आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,

व्याख्या --  कवि कहते हैं लहरों से डरकर नौका कभी भी सागर को पार नहीं कर सकती। लहरों

 से उसे टकराना ही पड़ता है। छोटी सी चींटी जब दाना लेकर दीवार पर चढ़ती है तो सौ बार गिरती है लेकिन वह हार नहीं मानती है। आत्मविश्वास के कारण उसकी मेहनत रंग लाती है और वह दीवार पर चढ़ने में सफल होती है। क्योंकि कोशिश करने वाले की कभी हार नहीं हो सकती।

2.)  डुबकियाँ सिंधु में गोताखोर लगाता है--------------------------मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती,

व्याख्या-----  गोताखोर जब समुद्र में मोती के लिए गोता लगाता है तो कई बार खाली हाथ 

ही लौटकर आता है। लेकिन उसका उत्साह कम नहीं होता बल्कि दुगना हो जाता है। उसकी मुट्ठी में मोती जरूर लगते है क्योंकि कोशिश करने वाला असफल नहीं हो सकता।

3.) असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,---------------कुछ किए बिना ही जय-जयकार नहीं होती,

व्याख्या------ असफलता से घबराना नहीं चाहिए। असफलता को एक चुनौती के रूप में लेना चाहिए। 
अपनी कमियों की तरफ़ ध्यान देना चाहिए और क्या कमी रह गई उसको पुरा करना चाहिए। जब
तक सफलता नहीं मिल जाती सुख चैन नहीं लेना चाहिए। संघर्ष का मैदान कभी नहीं छोड़ना चाहिए। 
दुनिया में उनकी ही जय होती है जो कुछ करके दिखाते हैं। कोशिश करने वाले कभी हारते नहीं है। 
सफलता अवश्य मिलती है।

निम्नलिखित प्रशनो के ऊत्तर लिखिए-

प्र.1) सफलता का मूल मंत्र क्या है , कविता के आधार पर विस्तृत ऊत्तर दीजिए.

ऊ. - असफलता से घबराना नहीं चाहिए। असफलता को एक चुनौती के रूप में लेना चाहिए। अपनी 

कमियों की तरफ़ ध्यान देना चाहिए और क्या कमी रह गई उसको पुरा करना चाहिए। जब तक 

सफलता नहीं मिल जाती सुख चैन नहीं लेना चाहिए। संघर्ष का मैदान कभी नहीं छोड़ना चाहिए। 

दुनिया में उनकी ही जय होती है जो कुछ करके दिखाते हैं। कोशिश करने वाले कभी हारते नहीं है। 

सफलता अवश्य मिलती है।

प्र.2) असफलता के पिछे क्या क्या कारण हो सकते है.

ऊ.- 1. लक्ष्य न तय करना लक्ष्य के बिना प्रगति नहीं हो सकती।

2. - मेहनत की कमी: लक्ष्य प्राप्ति के लिए जरूरी मेहनत न करना।

3. जल्दबाजी: अधिक तेजी से परिणाम चाहना बजाय धीर-गति से काम करना।

4. समय के महत्व को नहीं समझना

प्र.3) गोताखोर सागर से मोती किस प्रकार लाते है।

.- गोताखोर कई बार डुबकियाँ लगाने पर भी खाली हाथ लौट आता है। लेकिन उसका उत्साह दुगना हो जाता है। उसकी मुट्ठी में मोती अवश्य आते हैं।

प्र.4) प्रस्तुत कविता से क्या शिक्षा मिलती है ।

.- इस कविता में कोशिश करने से सफलता प्राप्त करने का संदेश मिलता है। कवि कहते हैं कि जीवन की प्रतियोगिता में असफलता से नही डरना चाहिऐ अपनी कमियों को खुद पहचानकर लगातार सुधार कर आगे बढ़ने से हार कभी नहीं होती है।

प्र.5) चीटी से क्या सीख सकते है ।

.- जब तक लक्ष्य प्राप्त ना हो हमे मेहनत करते रहना चाहिऐ , असफलता से डरकर हार नही मानना चाहिऐ। इसलिऐ कहते है कि कोशिश करने वालो की हार नही होती है।

अलंकार बताइऐ -----

1.       खेदी खेदी खाति दीह दारुन दलन को----- ऊत्तर .—अनुप्रास अलंकार

2.       मधुवन की छाती को देखो सूखी इसकी कलियाँ---- ऊत्तर---श्र्लेश अलंकार

3.       तु मोहन के उस बसी हवै उस नासी समान --------- ऊत्तर--- यमक अलंकार

4.       मंगन को देखी पट देत बरा –बरा है-------------------- ऊत्तर--- श्र्लेश अलंकार

5.       जे तीन बार खाती थी ते तीन बार खाती है -------------- ऊत्तर--- यमक अलंकार

6.       भुज भुजगेस की संगनि भुजंगनि सी---------------- ऊत्तर .—अनुप्रास अलंकार

वाक्यों में काल पहचानिऐ----

1.        गोताखोर समुद्र में गोता लगा रहे थे ------- ऊत्तर .— सतत भुतकाल

2.        आलस में पड़े रहने में कोई काम पुरा नही होता है।------- ऊत्तर-----वर्तमान काल

3.        असफलता को चुनौती को रुप में स्वीकार करने वाले सफल रहते है।----- ऊत्तर---वर्तमान काल

4.        वह इतना थका था कि आते ही सो गय़ा । ------------- ऊत्तर .— पूर्ण भुतकाल

5.        संघर्ष में ही विजय छिपी रहती है । ---------  ऊत्तर---वर्तमान काल

 

 

 


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